सब्जियों के मिट्टी रहित पौध उपत्पादन किस प्रकार से करे |

Categories:

मिट्टी रहित पौध उपत्पादन  से स्वस्थ पौध उगाई जा सकती है जिससे बंपर पैदावार हो सकती है। इस विधि से दो प्रकार की प्लास्टिक प्रो-ट्रे में विभिन्न सब्जियों की पौध तैयार की जाती है। प्रो-ट्रे में छेद का आकार 1.0 से 1.5 वर्ग इंच होना चाहिए। इसमें शिमला मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मिर्च का सलाद आदि की पौध तैयार की जा सकती है। 

आजकल बाजारों में 96 या कुछ अलग छेद वाली प्लास्टिक ट्रे आसानी से उपलब्ध हैं। जिसका उपयोग पौध उगाने के लिए किया जा सकता है| अब इन प्रो-ट्रेस में 1:1:3 के अनुपात में पर्लाइट, वर्मीक्यूलाइट कोकोपाइट का मिश्रण तैयार कर मिट्टी रहित माध्यम के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

आमतौर पर ये तीन माध्यम पूरी तरह से रोगाणुहीन होते हैं। अब ट्रे के प्रत्येक छेद में एक बीज बोया जाता है और बाद में बीज के ऊपर वर्मीक्यूलाईट की एक पतली परत डाली जाती है और सर्दियों के मौसम में प्रत्येक ट्रे को ऐसे कमरे में अंकुरण के लिए रखा जा सकता है जहां तापमान लगभग 24 C. 25 ° C होता है, इसलिए ताकि बीजों का अंकुरण जल्दी और सही तरीके से हो सके|  अंकुरण के बाद, सभी ट्रे को ग्रीनहाउस या अन्य संरक्षित क्षेत्र में एक मंच या फर्श पर फैलाया

उपरोक्त माध्यम को  नारियल के खोल पर मौजूद रेशों से कोकोपाइट बनाया जाता है और यह जड़ों के विकास के लिए माध्यम के रूप में कार्य करता है। यह माध्यम जल निकासी और माध्यमों के मिक्सर के बीच उचित हवा प्रदान करने में भी मदद करता है। यह एक बहुत हल्का सफेद रंग का माध्यम है, जिसका एक भाग मीडियम मिक्सर में मिलाया जाता है।

सर्दियों में पौध तैयार करते समय हीटर का उपयोग ग्रीनहाउस या अन्य संरक्षित क्षेत्र में रात में किया जा सकता है और इस हीटर का उपयोग रात में तब किया जा सकता है जब तापमान 13 या 14° से कम हो। शीत ऋतु में पौध की प्रारंभिक अवस्था में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश को 1:1:1 के अनुपात में मिलाकर 70 पीपीएम घोल तैयार किया जाता है तथा बाद में यह मात्रा 140 पीपीएम कर दी जाती है।

खाद एवं पानी एक स्प्रिंकलर सिस्टम द्वारा दिया जा सकता है, जिससे खाद एवं पानी सभी ट्रे में एक ही प्रकार से जा सके तथा पौधे की वृद्धि एवं गुणवत्ता समान बनी रहे। ग्रीष्म ऋतु में बीज बोने के बाद अंकुरण के लिए कमरे में ट्रे रखने की आवश्यकता नहीं होती तथा खाद 70 पीपीएम की मात्रा में दी जाती है।

पौधे पर एक बार विशेष प्रकार के ग्रोथ रेगुलेटर घोल का भी छिड़काव करना चाहिए. इसका छिड़काव तभी किया जाता है जब दिन का तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच हो |  खाद के प्रयोग के लिए स्प्रे सामान्य स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से पौधे को समय-समय पर सारी खाद और घोल दिया जाता है | इस प्रकार इस तकनीक से सर्दी के मौसम में पौध तैयार करने में 28 से 30 दिन का समय लगता है। तैयार पौध को माध्यम सहित निकालकर मुख्य खेत में रोप दिया जाता है।

इस माध्यम तैयार पौधों के जड़ों के के चारों ओर जड़ों का एक जाल फैला हुआ है, जो पौधे की ऊर्जा और गुणवत्ता को दर्शाता है। पौधे को दूर स्थानों पर भेजने के लिए माध्यम के साथ पैक और परिवहन किया जा सकता है। अगर गर्मी के मौसम में कद्दू की किस्मों की पौध तैयार की जाए तो इसमें कुल 12 से 15 दिन का समय लगता है. इस तकनीक से पौधा तैयार करने में पौधे में जड़ों का विकास बहुत अच्छा और अधिक होता है|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *